Saturday, June 29, 2019

Current news ( 21 June to 27th June) Part -1


1- आंध्र प्रदेश सरकार ने कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य के मैंग्रोव वनो को UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट मे शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए सरकार ने सात  सदस्य समिति बनाई है। यह समिति कोरिंगा के गोदावरी मैंग्रोव्स को वल्र्ड हेरिटेज स्टेट्स दिलाने के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करने के बारे में सुझाव देगी। कोरिंगा के मैंगोव्र भारत में दूसरे सबसे बडे मैंग्रोव वन हैं। यह वृक्षो की 24 प्रजातियां मिलती हैं। यह वन गोदावरी नदी के मुहाने पर है। इन्हें मादा वनों के नाम से भी जाना जाता है।
कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य मैं पक्षियों की अनेक प्रजातियां मिलती हैं। यहां लोंग बिल्ड वल्चर, स्पॉट बिल्ड पेलिकन और वाइट इबिस जैसे पक्षियों की संकटग्रस्त प्रजातियां मिलती हैं। यहां गोल्डन जैकाल, समुद्री कछुआ, फिशिंग कैट, स्मूथ कोटेड ऑटर की संख्या भी मिलती हैं। अगर इस अभयारण्य को वर्ल्ड हेरिटेज साइट स्टेटस का दर्जा मिल जाता है तो यहां पर्यटन के विकास और मैंग्रोव्स मे वन्य जीव के संरक्षण में यूनेस्को सहायता करेगा।

2- 21 जून को दुनिया भर में पांचवा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। झारखंड की राजधानी रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने योग के कई आसन किए।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 के लिए रांची को होस्ट सिटी बनाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्यालय में 20 जून को ही योग दिवस का आयोजन किया गया था।
 संयुक्त राष्ट्र संत मुताबिक इस साल योग दिवस की थीम है "Yoga for Climate Action"
भारत में योग दिवस के आयोजन की जिम्मेदारी आयुष मंत्रालय संभालता है। इस साल योग दिवस के आयोजन को "Yoga with Gurus" का नाम दिया गया।
 दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था। लिहाजा 2015 से ही दुनिया भर में इस दिन का आयोजन किया जाता हैं। 2016 में यूनेस्को ने योग को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मकसद योग जैसी प्राचीन पद्धति के बारे में जागरूकता फैलाना है ताकि मानव शरीर स्वस्थ और निरोगी बन सके।

3- WHO ने एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल को लेकर एक वैश्विक कैंपेन लॉन्च किया है। इसमे WHO ने नहीं ऑनलाइन टूल 'AWaRe' को अपनाने का जिक्र किया है।
यह टूल नीति-निर्माताओं और स्वास्थ्यकर्मियों को  एंटीबायोटिक्स के सुरक्षा तथा प्रभावी इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देश देगा। इस टूल के तहत एंटीबायोटिक दवाओं को तीन वर्ग में रखा गया है।

  • Access group
  • Watch group
  • Reserve group
इसमे Access group में शामिल दवाओं का इस्तेमाल सामान्य और गंभीर संक्रमण ओं की स्थिति में किया जाएगा।
Watch group मैं शामिल दवाएं हमेशा स्वास्थ देखभाल प्रणाली में मौजूद रहेंगी। जबकि Reserve group में रखी गई दवाओं का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के तौर पर किया जाएगा।
इस  कैंपेन के तहत Accesa group में शामिल एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कम-से-कम 60℅ तक बहाने का लक्ष्य रखा गया है। जबकि Watch और Reserve group के एंटीबायोटिक्स इस्तेमाल घटाने का लक्ष्य है।
वर्तमान समय में एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है। लिहाजा 'AWaRe' टूल नीति-निर्माताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को सही समय के लिए सही एंटीबायोटिक चुनने में मदद करेगा

4- दुनिया भर में विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता बताने वाली "QS World Ranking 2020" जारी कर दी गई हैं।
टॉप यूनिवर्सिटी में अमेरिका की Massachusetts Institute of Technology (MIT) इसने अपना वर्चस्व कायम रखा है। पिछले कई सालों से या संस्थान पहले पायदान पर काबिज है।
पिछले साल कितने साल भी अमेरिका स्थित Stanford University को दूसरे और Harvard University को तीसरे स्थान पर जगह मिली है।
अगर भारत की बात करें तो भारत के 3 संस्थानों को शीर्ष 200 संस्थानों में जगह मिली है। इसमें IIT बॉम्बे को 152वे, IIT  दिल्ली को 182वें और बंगलुरू स्थित IISc (Indian Institute of Science) को 184वें स्थान पर जगह मिली हैं। पिछले साल IIT दिल्ली की जगह IIT मद्रास को टॉप 200 में जगह मिली थी। रैंकिंग में भारत के 23 संस्थानों को शीर्ष 1000 संस्थानों में जगह मिली है; जबकि पिछले साल 24 संस्थानों को जगह दी गई थी।
QS एक वैश्विक उच्च शिक्षण संस्थान है। जिसकी स्थापना 190 में की गई थी।
 इसका मकसद दुनिया भर के छात्रों और पेशेवरों कि बेहतर संस्थानों के चयन में मदद करना है।

Friday, June 28, 2019

सरहद का सुरक्षा प्रहरी- ए सैट


मार्च में भारत ने एंटी सेटेलाइट मिसाइल (ए-सैट) का प्रक्षेपण किया था। इसका उद्देश्य उन इमेजिग से भारत के अंतरिक्ष जगत की रक्षा करना है, जो  दूरसंचार, नेवीगेशन, पृथ्वी का अवलोकन और निगरानी उपग्रहों में भारत को नुकसान पहुंचा सकती हैं या अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं।
चीन के कदम हर क्षेत्र में आगे बढ रहे हैं।  उसने 2007 में ही इस प्रकार की ए-सैट मिसाइल का प्रक्षेपण कर लिया था। कुछ दिनों पहले  इस प्रकार के कई सेटेलाइट का प्रक्षेपण समुद्र में एक जहाज से भी किया गया है।
भारत  का अंतरिक्ष कार्यक्रम भी ऊंचाइयों पर है। परंतु अंतरिक्ष यात्री को भेजने तथा चंद्रमा की यात्रा के आगामी कार्यक्रम के साथ भारत की सुरक्षा जरूरतों के अनुकूल कुछ कार्यक्रमों को सार्थक करने की भी आवश्यकता है। भारत ऐसे पड़ोसी देशों का सामना कर रहा है, जो किसी भी प्रकार के छद्म युद्ध से पीछे नहीं हटते, यह देश ऐसे हैं, जो भारत की कमजोरियों का लाभ उठाते हुए कभी भी उसे नीचे गिराने का प्रयत्न कर सकते हैं, अगर हमने अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं में बढ़ोत्तरी नहीं की, तो साइबर या अंतरिक्ष में कभी भी हमें मुंह की खानी पड़ सकती है।
इस  बदलते परिवेश में हम बीसवीं सदी के टैंकों से जीत नहीं सकते और ना ही इसमें हमारी विशाल सेना कुछ काम आ सकती है। हम अभी भी एकीकृत सेना कमांड से कोसों दूर हैं। 
अमेरिका और चीन ने सेना में यूनिफाइड कमांड का लाभ देख लिया है। उनकी सेना की तीनों भुजाएं एक सिंगल व कमांड से निर्देशित होने की क्षमता रखती हैं।
साइबर और अंतिम युद्ध क्षेत्र में हमारी चाल बहुत धीमी है। इस पर ध्यान देकर ही हम अपनी भविष्य की सुरक्षा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

Thursday, June 27, 2019

Current affairs

SDG - Sustainable Development Goals(सधारणीय विकास लक्ष्य)
       
               SDG gender index 2019

 चर्चा में क्यों ?

  • SPG gender index 2019 जारी
  • EM 2030  यानी equal measures 2030 नामक संस्था ने जारी किया
  •  दुनिया भर के 129 देश इस सूचकांक में शामिल; भारत पंचानवे पायदान पर
  •  89.3 स्कोर के साथ डेनमार्क रहा पहले पायदान पर
  •  top 10 में शामिल  अन्य देश फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैण्ड, स्लोवेनिया, जर्मनी, कनाडा, आयरलैण्ड और ऑस्ट्रेलिया
  • नीचे के 5 देश- चाड, डेमोक्रेटिक रिपाब्लिक ऑफ द कांगो, कांगो, यमन और नाइजर
लक्ष्य

  • पूरे विश्व से गरीबी के सभी रूपों की समाप्ति।
  • भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढावा।
  • सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढावा।
  • समावेशी और न्यायसंगत गुणक्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सोखने का अवसर देना।
  • लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओ और लड़कियों को सशक्त करना।
  • सभी के लिए स्वच्दता और पानी के सतत् प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आद्युनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिशिचत करना।
  • सभी के लिए निरन्तर समावेशी और सतत् आर्थिक विकास पूर्णऔर उत्पादक रोजगार और बेहतर कार्य को बढावा देना।
  • लचीले बुनियादी ढांचे, समावेशी और सतत् औद्योगीकरण को बढावा।
  • देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना।
  • सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण।

भूटान के नए क्षेत्र पर चीन का दावा

                 चर्चा में क्यों ? एक बार फिर भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद सुर्खियों में है। चीन ने भूटान के पूर्वी भारत पर ...